चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन
चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन: माँ चंद्रघंटा की आराधना चैत्र नवरात्रि का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। यह नवरात्रि का तीसरा दिन विशेष रूप से माँ चंद्रघंटा को समर्पित है। माँ चंद्रघंटा देवी दुर्गा के तीसरे रूप के रूप में जानी जाती हैं। उनके नाम का अर्थ है 'चंद्रमा की घंटी'। माँ चंद्रघंटा का स्वरूप माँ चंद्रघंटा का स्वरूप अत्यंत आकर्षक है। वे तीन आंखों वाली, सोने की रंगत वाली हैं और उनके मस्तक पर चाँद के आकार की घंटी है। उनकी चार भुजाएँ हैं, जिनमें से एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे में कमल, तीसरे में गदा और चौथे में चीते का मुख है। उनका यह स्वरूप शक्ति और साहस का प्रतीक है। तीसरे दिन की पूजा विधि सुबह का अभिषेक : भक्तगण सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और माँ चंद्रघंटा का अभिषेक करते हैं। पत्तों और फूलों से सजावट : माँ के स्थान को सजाने के लिए कनेर, गेंदा और चंपा के फूलों का उपयोग किया जाता है। आरती और भजन : पूजा के बाद भक्तजन माँ की आरती करते हैं और भक्ति गीत गाते हैं। व्रत का पालन : इस दिन व्रत रखने वाले भक्त फल, दूध और मेवे का सेवन करते हैं। माँ चंद्...